जिंदगी उतनी आसान भी ना थी जितना हम समझते थे,
गफ़लत में काटी है कितनी जिंदगी हमने|
हर कदम पे समझते थे वो अब हमे मिल जायेगा,
हर बार खाई है तकदीर कि ठोकरें हमने|
कभी मज़हब ,कभी दोस्त , कभी अपनों की खुशी की खातिर,
अपने खवाइश, अहसासों का खून, हर बार किया हमने|